Wednesday 21 September 2016

CNG स्टेशन खोलने का मौका, लाखों में कमाई के लिए इन पर रखें नजर


आपके लिए सीएनजी पंप खोलने का मौका है। देश की प्रमुख कंपनियां बढ़ती डिमांड को देखते हुए अपने नेटवर्क का एक्सपेंशन कर रही हैं। ऐसे में आप इन कंपनियों के डिस्ट्रीब्यूटर बन सीएनजी स्टेशन खोल सकते हैं। इसके अलावा कंपनियों को जमीन आप लीज पर भी दे सकते हैं। जिसके जरिए आपको लाखों रुपए हर महीने की कमाई होगी।
GAIL के साथ है टाईअप
 
गैस अथॉरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड ने देश में सीएनजी डिस्ट्रीब्यूशन के लिए विभन्न कंपनियों के साथ ज्वांइट वेंचर बनाया है। कंपनी इसके तहत दिल्ली, हरियाणा,महाराष्ट्र, उत्तरप्रदेश, मध्य प्रदेश, गुजरात, आंध्रप्रदेश, त्रिपुरा आदि में गैस की सप्लाई करती है। देश में सीएनजी डिस्ट्रीब्यूशन के लिए ये कंपनियां सप्लाई करती है..
  1. इंद्रप्रस्थ गैस लिमिटेड
  2. महाराष्ट्र नेचुरल गैस लिमिटेड
  3. सेंट्रल यू.पी. गैस लिमिटेड
  4. ग्रीन गैस लिमिटेड
  5. महाराष्ट्र गैस लिमिटेड
  6. गेल गैस लिमिटेड
  7. वड़ोदरा गैस लिमिटेड

दो तरह से कर सकते हैं कमाई
 
सीएनजी पंप लगाने के लिए सबसे पहले कंपनियां जमीन की डिमांड करती है। कंपनियां जमीन लीज पर लेती है। ऐसे में आपके पास पहली कमाई का मौका जमीन को लीज पर देकर मिलेगा। दूसरा तरीका आप जमीन पर खुद ही डीलरशिप ले सकते हैं। इसके लिए कंपनियां पार्टनरशिप करती है। जिसे वह लैंडलिंक सीएनजी स्टेशन पॉलिसी कहती है।
.सभी कंपनियां अपनी जरूरत के अनुसार स्टेशन के लिए टेंडर निकालती है। जिसमें लोकेशन सहित दूसरी रिक्वॉयरमेंट दी जाती है। जिसके आधार पर आप आवेदन कर सकते हैं। टेंडर के लिए इन कंपनियों की वेबसाइट पर जानकारी ली जा सकती है।

जमीन के लिए कंपनियों की ये होती है शर्त
  1. कंपनियां हल्के वाहन, भारी कमर्शियल वाहन के आधार पर जमीन की डिमांड करती है।
  2. हल्के वाहन के लिए 700 वर्गमीटर की जमीन होनी चाहिए। जिसमें फ्रंट स्पेस करीब 25 मीटर को होना जरूरी है।
  3. वहीं ट्रांसपोर्ट व्हीकल की जरूरत को देखते हुए 1500-1600 वर्गमीटर की जमीन होनी चाहिए। जिसमें फ्रंट स्पेस करीब 50-60 मीटर को होना जरूरी है।
  4. इसके अलावा हाईवे और भीड़-भाड़ इलाकों में जमीन होने पर कंपनियां एप्लीकेंट को तरजीह देती हैं।

इन्वेस्टमेंट में इन बातों का रखा ध्यान
 
. सीएनजी पंप खोलने के लिए आपको जमीन की लागत के साथ, दूसरी लागत का भी ध्यान रखना होगा।
. इसके अलाव इक्वीपमेंट, इम्प्लाई कॉस्ट, कंस्ट्रक्शन कॉस्ट, लाइसेंस फीस भी अहम होती है।
. ऐसे में कुल मिलाकर करीब 1 करोड़ रुपए का खर्च आता है।
. जिसके लिए बैंक लोन भी देते हैं।

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